जिलाधिकारी वंदना ने बुधवार को निर्माणाधीन जमरानी बांध परियोजना के निर्माण स्थल का निरीक्षण किया और प्रभावितों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी। इस दौरान उन्होंने परियोजना से प्रभावित लोगों के दस्तावेजों की कमियों को ठीक करने हेतु एक विशेष कैंप भी आयोजित किया।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि परियोजना के निर्माण कार्य के दौरान सावधानी बरतते हुए, प्रभावित निवासियों को न्यूनतम असुविधा हो। इसके साथ ही डूब क्षेत्र के बाहर रहने वाले परिवारों को विभिन्न विकास योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए एक टीम गठित की जाएगी, जो विस्तृत सर्वेक्षण कर कार्ययोजना बनाएगी।


निर्माण कार्यों पर जोर
जिलाधिकारी ने उपमहाप्रबंधक जमरानी बांध को निर्देश दिया कि रोड कार्यों के साथ ही जमरानी फीडर नहर के कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। इसके अलावा, डूब क्षेत्र के बाहर के गांवों में सोलर लाइट, तार बाड़ और सड़क जैसे बुनियादी कार्य किए जाएंगे। इस सबके लिए एक टीम का गठन किया गया है, जिसमें कृषि, सिचाई, लोनिवि, पर्यटन, राजस्व, UREDA जैसे विभाग शामिल होंगे।
जलजीवन मिशन का निरीक्षण
इसके बाद जिलाधिकारी ने पनिया मेहरा और पनिया बोर गांवों का दौरा किया, जहां जलजीवन मिशन के तहत पानी की आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की। ग्रामीणों ने बताया कि जलजीवन मिशन के तहत गांव में पानी की नियमित आपूर्ति हो रही है।


जनसुनवाई
जिलाधिकारी ने हैडाखान गैस्ट हाउस में आयोजित जनसुनवाई के दौरान, डूब क्षेत्र के 6 गांवों के लोगों की समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया। कुछ गांवों में भूमि विरासत संबंधी दस्तावेजों की कमी के कारण मुआवजा मिलने में कठिनाई आ रही थी, जिसे जिलाधिकारी ने तत्काल हल करने के निर्देश दिए।


परियोजना से रोजगार संभावनाएं
जिलाधिकारी ने कहा कि जमरानी बांध परियोजना क्षेत्र के लोगों को पर्यटन के माध्यम से रोजगार के अवसर प्रदान कर सकता है, और इसके लिए पर्यटन विभाग को कार्यशालाएं आयोजित करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान उप महाप्रबंधक बीबी पांडे, उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार, और संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।