हल्द्वानी: कुमाऊं क्षेत्र के सबसे बड़े नगर निगम हल्द्वानी की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है, और इसके साथ ही शहर की सबसे बड़ी समस्या पेयजल आपूर्ति भी गंभीर होती जा रही है। गर्मी के मौसम में यह समस्या विकराल रूप ले लेती है, और हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि निर्माण कार्यों और धूलाई में भी पानी के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना पड़ता है। बढ़ती आबादी के दबाव के बीच जल संस्थान के लिए नागरिकों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
इस बार भी भीषण गर्मी पड़ने के आसार हैं, ऐसे में जल संस्थान के अधिकारी अपनी तैयारियों को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं। हालांकि, उनकी तैयारियां कितनी कारगर साबित होंगी, यह आने वाला समय ही बताएगा। जल संस्थान के अधिशासी अभियंता ने बताया कि वर्तमान में गौला नदी से पेयजल संस्थान के फिल्टर प्लांट को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि गर्मी के दौरान यदि नलकूपों की मोटर खराब होती है, तो उसकी मरम्मत के लिए 20 मोटर पहले से तैयार रखी गई हैं। साथ ही, टैंकरों के माध्यम से भी पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
गर्मी में बढ़ती मांग, बढ़ती चुनौतियां
हल्द्वानी शहर में पेयजल की मांग लगातार बढ़ रही है, लेकिन आपूर्ति व्यवस्था उस अनुपात में विस्तार नहीं कर पा रही है। गर्मी के मौसम में नदियों और भूजल स्तर में कमी आने से स्थिति और जटिल हो जाती है। पिछले कुछ वर्षों में गर्मी के दिनों में शहर के कई इलाकों में पानी की किल्लत देखी गई है, जिसके चलते नागरिकों को टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ता है।
जल संस्थान की तैयारियां
जल संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि इस बार उन्होंने गर्मी के मौसम को ध्यान में रखकर पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। नलकूपों और मोटरों की मरम्मत के लिए जरूरी उपकरण और स्पेयर पार्ट्स तैयार रखे गए हैं। साथ ही, टैंकरों की संख्या बढ़ाकर उन्हें शहर के दूरस्थ इलाकों में पानी पहुंचाने के लिए तैयार किया गया है।
नागरिकों से सहयोग की अपील
जल संस्थान के अधिकारियों ने नागरिकों से पानी का सदुपयोग करने और इसे बर्बाद न करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यदि सभी लोग जल संरक्षण के प्रति जागरूक रहें, तो गर्मी के दिनों में भी पेयजल की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
