उत्तराखंड एसटीएफ (एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स) ने वन रेंज खटीमा और फॉरेस्ट सुरक्षा दल के साथ मिलकर एक संयुक्त ऑपरेशन में अंतर्राज्यीय वन्यजीव तस्करों के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई के तहत उधम सिंह नगर जिले के खटीमा क्षेत्र से एक तस्कर को दो अदद हाथी दांत के साथ गिरफ्तार किया गया। आरोपी की पहचान उत्तम सिंह पुत्र मदन सिंह निवासी नागवनाथ थाना खटीमा के रूप में हुई है, जिसकी उम्र 32 वर्ष है। यह व्यक्ति लंबे समय से उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश की सीमावर्ती जिलों और नेपाल में वन्यजीव अंगों की तस्करी में संलिप्त था।
यह कार्रवाई पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के निर्देश पर एसटीएफ प्रमुख नवनीत भुल्लर के नेतृत्व में की गई। एसटीएफ के सीओ आर. बी. चमोला और प्रभारी निरीक्षक पावन स्वरुप के नेतृत्व में टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर क्षेत्र में दबिश दी और तस्कर को हाथी दांत के साथ रंगे हाथ पकड़ा। हाथी, जिसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की पहली अनुसूची में शामिल किया गया है, का शिकार कानूनन गंभीर अपराध है। गिरफ्तार तस्कर के खिलाफ खटीमा क्षेत्र में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि यह उत्तराखंड एसटीएफ की वन्यजीव तस्करी के खिलाफ एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि हाथी के शिकार से संबंधित विस्तृत जानकारी जैसे कि शिकार कब, कहां और किस तरह किया गया, इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने जनता से अपील की कि अगर किसी को वन्यजीव तस्करी से संबंधित कोई जानकारी हो, तो वे निकटतम पुलिस स्टेशन या एसटीएफ उत्तराखंड से 0135-2656202 पर संपर्क करें।
गिरफ्तारी करने वाली टीम में एसटीएफ के निरीक्षक पावन स्वरुप, उप निरीक्षक विपिन जोशी, उप निरीक्षक विनोद जोशी, मुख्य आरक्षी मनमोहन सिंह, महेन्द्र कुमार, किशोर गिरी, आरक्षी इसरार, वीरेंद्र चौहान, जीतेन्द्र कुमार, मोहित तथा फॉरेस्ट टीम से रेंजर नवीन रैखवाल, धन सिंह अधिकारी, दिनेश चंद्र पंत, निर्मल रावत और भूपाल सिंह जीना शामिल थे। उत्तराखंड एसटीएफ ने स्पष्ट किया है कि वन्यजीवों की तस्करी रोकने के लिए भविष्य में भी इसी तरह की कठोर कार्यवाहियां जारी रहेंगी।
क्या आप चाहेंगे कि इस खबर के लिए एक सोशल मीडिया पोस्ट भी तैयार किया जाए?