हल्द्वानी: प्रदेश के कर्मठ और जनप्रिय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के समाधान और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से चार प्रमुख कार्यकर्ताओं को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस दिशा में कार्य करते हुए मई माह के दौरान वरिष्ठ नागरिकों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझने और उन्हें आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु विभिन्न प्रयास किए गए।
इस क्रम में कई वृद्धाश्रमों का निरीक्षण कर वहां निवासरत वरिष्ठजनों की स्थिति का जायजा लिया गया। निरीक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि उन्हें सरकार द्वारा दी जा रही वृद्धावस्था पेंशन योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं। ढमुवाडूंगा स्थित आश्रय सेवा समिति में निवास कर रहे वृद्धजनों के आधार कार्ड बनवाने हेतु उपजिलाधिकारी को निर्देशित किया गया, वहीं रामपुर रोड स्थित आनंद आश्रम को भूमि आवंटन हेतु आवश्यक ज्ञापन लिया गया।
इसके अलावा नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों का भ्रमण कर वहां के वरिष्ठ नागरिकों से सीधा संवाद किया गया और उनकी समस्याओं का गहन आंकलन किया गया। इसके आधार पर मुख्यमंत्री श्री धामी को कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
रिपोर्ट में कहा गया कि प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय में वृद्धाश्रमों की स्थापना आवश्यक है ताकि बेसहारा और देखभाल से वंचित वृद्धजनों को सुरक्षित और गरिमामयी जीवन मिल सके। महानगरों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष पार्क विकसित किए जाने चाहिए जहां वे नियमित रूप से भ्रमण कर सकें और मनोरंजन भी कर सकें।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि बैंकों, अस्पतालों और ट्रेजरी जैसे सार्वजनिक स्थलों पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से काउंटर की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि उन्हें लंबी कतारों में न लगना पड़े। साथ ही हर तीन महीने में जिला स्तर पर वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं पर चर्चा हेतु प्रशासन के साथ बैठक सुनिश्चित की जानी चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (1 अक्टूबर) पर समाज कल्याण विभाग द्वारा वरिष्ठ नागरिकों का वार्षिक सम्मेलन आयोजित करने का सुझाव भी दिया गया है ताकि उनका सम्मान हो और उनकी बातों को मंच मिल सके। रिपोर्ट में वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्रता के आर्थिक मानकों को वर्तमान समय की महंगाई के अनुरूप बढ़ाए जाने की आवश्यकता भी जताई गई है।
इसके अतिरिक्त समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित वृद्धाश्रमों और नशा मुक्ति केंद्रों का नियमित त्रैमासिक निरीक्षण कराने, तथा निराश्रित वृद्धजनों को चिन्हित कर उनके लिए विशेष योजनाएं तैयार करने का भी आग्रह किया गया है। यह कार्य ग्राम पंचायत या वार्ड स्तर की समितियों की सहायता से किया जाना चाहिए ताकि जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिकों को उचित सहायता मिल सके।
सरकार के इस संवेदनशील प्रयास से यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों की गरिमा, सम्मान और जीवन की गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
