हल्द्वानी: उत्तराखंड में जमीनों के अंश निर्धारण कार्य को लेकर लेखपालों की नाराज़गी सामने आई है। हल्द्वानी लेखपाल संघ के बैनर तले जिले के सभी लेखपाल और पटवारी सोमवार से तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं। तहसील परिसर में एकत्र होकर विरोध दर्ज कराते हुए लेखपालों ने कहा कि सरकार बिना किसी संसाधन और सुविधाओं के उन पर कार्यभार थोप रही है, जिससे कार्य करना बेहद कठिन हो गया है।
लेखपाल संघ का कहना है कि अंश निर्धारण जैसे तकनीकी कार्यों के लिए उनके पास न तो खतौनियों का आवश्यक डिजिटल डाटा उपलब्ध है और न ही कोई लैपटॉप, प्रिंटर या अन्य बुनियादी तकनीकी उपकरण दिए गए हैं। उनका कहना है कि बिना इन सुविधाओं के जमीनों का सटीक अंश निर्धारण संभव नहीं है और इससे न केवल काम में देरी होती है, बल्कि गलतियां भी हो सकती हैं जिसका असर सीधे जनता पर पड़ता है।
संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि इससे पूर्व भी पीएम किसान निधि जैसे कार्यक्रमों में बिना पर्याप्त संसाधनों के लेखपालों से काम करवाया गया था, लेकिन इस बार वह अपने हक के लिए आवाज़ बुलंद कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें सरकार से काम कराने पर आपत्ति नहीं है, लेकिन काम के लिए न्यूनतम तकनीकी और प्रशासनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
तीन दिवसीय हड़ताल की चेतावनी देने के साथ ही लेखपाल संघ ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी जातीं तो वे अपने केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर आगे की रणनीति तय करेंगे।