दुबई से चल रहा था सट्टा रैकेट, करोड़ों के सट्टा नेटवर्क का पर्दाफाश

Spread the love

  • पुलिस ने आईपीएल सट्टेबाजी गिरोह का किया भंडाफोड़
  • ऑनलाइन सट्टे का अंतरराष्ट्रीय गिरोह धरा गया, करोड़ों का लेन-देन
  • मोबाइल, लैपटॉप और कैश के साथ सट्टेबाज गिरफ्तार, व्हाट्सएप और लिंक से चल रहा था नेटवर्क

देहरादून: वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को गोपनीय सूत्रों के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि वर्तमान में चल रहे आईपीएल मैचों के दौरान एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन सट्टेबाजी गिरोह सक्रिय है। इस सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एसएसपी ने क्षेत्राधिकारी सदर के नेतृत्व में थाना राजपुर पर विभिन्न पुलिस टीमों का गठन किया। गठित टीमों ने कोजी नेस्ट होम स्टे, जीआरडी कॉलेज के निकट, राजपुर रोड पर दबिश देकर एक फ्लैट में चल रही सट्टेबाजी का खुलासा करते हुए छह अभियुक्तों को मौके से गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान चेतन शर्मा, शक्ति सिंह, धीरज शर्मा, निशांत, करण और सोहन सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने इनके कब्जे से दो लैपटॉप, 17 मोबाइल फोन, ₹5,33,500 नगद, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए। अभियुक्तों के विरुद्ध थाना राजपुर में जुआ अधिनियम की धारा 3/4 के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है।

पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने खुलासा किया कि यह पूरा ऑनलाइन सट्टा नेटवर्क दुबई से संचालित होता है और वे लोग विशेष रूप से दिल्ली से देहरादून आकर यह सट्टा चला रहे थे। सट्टा आईपीएल के चेन्नई सुपर किंग्स और पंजाब किंग्स के बीच चल रहे मैच पर लगाया जा रहा था। अभियुक्त मोबाइल फोन के जरिए सुपरस्ट्रीम ऑनलाइन और लाइन गुरु जैसी प्रतिबंधित साइटों पर ग्राहकों को सट्टा खिलाते हैं और उनसे पैसे लेकर बुकी का कार्य करते हैं। सट्टे की राशि गूगल पे और नकद माध्यम से एकत्र की जाती है। पुलिस के अनुसार, अभियुक्तों ने आज के मैच में ही लगभग ₹5.33 लाख का कलेक्शन किया था और पूरे मैच के दौरान लगभग ₹1 करोड़ तक का कलेक्शन किया जाना था, लेकिन मैच समाप्त होने से पूर्व ही पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।

पिछले एक माह में अभियुक्तों के खातों में करोड़ों रुपए के लेनदेन की जानकारी भी सामने आई है, जिस पर विस्तृत जांच जारी है। पूछताछ में यह भी सामने आया कि अभियुक्तों को पहले से ही चेतावनी दी गई थी कि देहरादून पुलिस से बचना मुश्किल होगा।

सट्टा खिलाने की प्रक्रिया में अभियुक्त ग्राहकों को एक लिंक भेजते थे, जिस पर क्लिक करते ही ग्राहक को एक नंबर प्राप्त होता था। इस नंबर को व्हाट्सएप से लिंक कर ग्राहक का डाटाबेस तैयार किया जाता था और ग्राहक द्वारा चुनी गई साइट के माध्यम से उन्हें बैंक डिटेल सहित डिपॉजिट स्लिप भेजी जाती थी। पेमेंट के बाद ग्राहक की आईडी और पासवर्ड जनरेट किया जाता था जिससे वह सट्टा खेल सकते थे। जीतने पर ग्राहक व्हाट्सएप के माध्यम से अभियुक्तों से संपर्क कर नकद या बैंक खाते में राशि प्राप्त करते थे।

इस पूरी कार्रवाई में क्षेत्राधिकारी सदर अंकित सिंह, उ0नि0 अर्जुन गोसाई, चौकी प्रभारी जाखन उ0नि0 मुकेश नेगी, कांस्टेबल नंदन सिंह, ललित रावत, अरविंद, राज सिंह के साथ एसओजी टीम प्रभारी निरीक्षक मुकेश त्यागी, उप निरीक्षक कुंदन राम, विनोद राणा, कांस्टेबल विपिन, ललित व अमित शामिल रहे।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *