काठगोदाम, हल्द्वानी— मंगलवार को काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस में कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत की अध्यक्षता में लैंड फ्रॉड समन्वय समिति की अहम बैठक संपन्न हुई। बैठक में कुमाऊं मंडल के सभी जिलों से आए भूमि विवाद से जुड़े कुल 86 मामलों की सुनवाई की गई, जिनमें से 29 मामलों में प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने की सिफारिश की गई है।
इस बैठक के दौरान कई मामलों में आवेदकों ने बताया कि पूर्व में हुए विवाद या धोखाधड़ी का समाधान आपसी समझौते से हो चुका है और कई को उनकी धनराशि वापस मिल गई है। ऐसे आवेदकों ने आयुक्त का आभार जताया। इसी तरह जनपद उधमसिंह नगर के जीवन गुरुरानी ने समिति को अवगत कराया कि उनकी 11,300 वर्ग फीट भूमि, जो अर्जुन सिंह के कब्जे में थी, शिकायत के बाद उन्हें वापस मिल गई है। उन्होंने इस हेतु आयुक्त का धन्यवाद किया।

कुछ मामलों में रजिस्ट्री के बावजूद दाखिल खारिज न हो पाने की शिकायतें भी सामने आईं। इस पर आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी व्यक्ति भूमि क्रय से पहले संबंधित तहसील से दस्तावेजों की जांच करवाए। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया को हर तहसील में अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा ताकि भूमि धोखाधड़ी की घटनाओं को रोका जा सके।
आयुक्त दीपक रावत ने स्पष्ट किया कि जिन मामलों में सरकारी विभागों की लापरवाही या रिपोर्टिंग में कमी पाई गई है, उन पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों से स्पष्टीकरण लिया जाएगा।
बैठक में सामने आए लैंड फ्रॉड मामलों में बस गांव, बाजपुर, गौलापार और उधमसिंह नगर के कई मामले प्रमुख रूप से शामिल थे। इन सभी पर उचित कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
आयुक्त ने कहा कि FIR दर्ज होने के बाद पुलिस द्वारा विधिवत जांच की जाएगी और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने समिति के सदस्यों से आग्रह किया कि वे सभी मामलों को गंभीरता से लें और निष्पक्ष जांच कर समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करें।

बैठक में पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल, अपर आयुक्त जे एस नगन्याल, अपर जिलाधिकारी एफ आर चौहान, रुद्रपुर के अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी, प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागड़ी, जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष जय किशन, पुलिस अधीक्षक हरीश वर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट ए पी बाजपेई, नगर आयुक्त ऋचा सिंह और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।