हल्द्वानी। अब न्यूरो से संबंधित जटिल ऑपरेशनों के लिए मरीजों को दिल्ली, लखनऊ या चंडीगढ़ जैसे बड़े महानगरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय, हल्द्वानी में न्यूरो सर्जन डा. अभिषेक राज ने एक और अत्यंत जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।
रानीखेत निवासी 33 वर्षीय देवेंद्र नेगी विगत दो वर्षों से चलने में परेशानी, चक्कर आना, हाथ-पैरों में अकड़न जैसी समस्याओं से जूझ रहे थे। जब वे न्यूरो सर्जरी ओपीडी में पहुंचे, तो चिकित्सकीय परीक्षण के दौरान उन्हें एटलांटो-एक्सियल डिसलोकेशन विद बेसिलर इनवेजिनेशन नामक गंभीर स्थिति से ग्रसित पाया गया। यह एक ऐसी जटिल अवस्था होती है, जिसमें गर्दन के पहले दो कशेरूक अपनी स्थिति से खिसक जाते हैं और हड्डी मस्तिष्क में धंसने लगती है, जिससे जान को भी खतरा हो सकता है।
डा. अभिषेक राज ने इस खतरनाक स्थिति में जोखिम उठाते हुए सफल ऑपरेशन कर मरीज को नया जीवन दिया। मरीज अब चलने-फिरने में सक्षम है और पूर्णतः स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
डा. अभिषेक ने बताया कि आमतौर पर इस प्रकार के ऑपरेशन बड़े महानगरों में ही संभव होते हैं और इनकी लागत निजी अस्पतालों में ₹4–5 लाख तक होती है। लेकिन आयुष्मान भारत योजना के तहत यह ऑपरेशन डा. सुशीला तिवारी चिकित्सालय में निःशुल्क किया गया।
इस सराहनीय उपलब्धि में न्यूरो सर्जन डा. अमित देवल, एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष प्रो. डा. ए.के. सिन्हा और नर्सिंग स्टाफ का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।
राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. अरुण जोशी ने डा. अभिषेक राज और उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह सफलता न केवल संस्थान के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे उत्तराखंड के मरीजों के लिए राहतकारी संकेत है। उन्होंने बताया कि चिकित्सालय में आयुष्मान कार्ड धारकों को भर्ती, उपचार, ऑपरेशन और दवाइयां सभी बिना किसी शुल्क के दी जाती हैं।