- अभियुक्तों के कब्जे से 31 लाख रू0 कीमत के चोरी के कुल 81 मोबाइल फोन बरामद
- पुलिस की गिरफ्त में आया शातिर अन्तर्राज्जीय मोबाइल चोर गिरोह
- गिरोह के 03 सदस्यों को गिरफ्तार कर पुलिस ने भेजा सलाखों के पीछे
- 02 विधि विवादित किशोरों को लिया पुलिस संरक्षण में
- अभियुक्तों द्वारा घटना को अंजाम देने के लिए नाबालिक बच्चों का किया जाता था इस्तेमाल
देहरादून। दिनांक 20.01.2024 को वादिनी श्रीमती दीपा राणा, वादी डॉक्टर यशस्वी धीमान तथा वादिनी जाहिदा ने थाना रानीपोखरी में शिकायती प्रार्थनापत्र दिये कि रानीपोखरी हाट में खरीदारी के दौरान अज्ञात चोरो ने उनके महंगे मोबाईल फोन चुरा लिये हैं, जिस पर थाना रानीपोखरी पर मुकदमा पंजीकृत किया गया।
अनावरण हेतु एसएसपी देहरादून के निर्देशांे पर अलग-अलग टीमों का गठन किया गया, गठित टीमों द्वारा उक्त घटनाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गई तो पुलिस टीम को पिछले कुछ समय से हाट बाजार में किसी मोबाइल चोर गिरोह के सक्रिय होने की जानकारी मिली, जिस पर पुलिस टीम द्वारा लगभग 50-60 सीसीटीवी कैमरे चैक किये गये तथा रायवाला, ऋषिकेश, रानीपोखरी एवं डोईवाला क्षेत्र में लगने वाले हाट बाजारों में सादे वस्त्रों में पुलिस टीमों को नियुक्त कर संदिग्ध व्यक्तियों की निगरानी की गई।
पुलिस द्वारा किये प्रयासों से दिनांक 21.01.2023 को पुलिस टीम को सूचना मिली कि तीन पानी पुलिया रायवाला के पास 03 व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में खडे़ हैं, जो सम्भवतः हाट बाजार में हुई मोबाइल चोरियों में संलिप्त हैं। उक्त सूचना पर पुलिस द्वारा तीन पानी पुलिया के पास से तीन संदिग्ध व्यक्तियो 01-अमर कुमार महतो, 02- सुमित कुमार एवं 03-राजेश कुमार को पूछताछ हेतु हिरासत में लिया गया, जिनकी तलाशी लेने पर उनके पास से अलग-अलग कम्पनियों के कुल 81 मोबाइल बरामद हुए, बरामद मोबाइलों के सम्बन्ध में सख्ती से पूछताछ करने पर अभियुक्तों द्वारा उक्त मोबाइलों को हरिद्वार, ऋषिकेश, रानीपोखरी, रायवाला तथा डोईवाला में लगने वाले हाट बाजारों से चोरी करना बताया गया। तीनो अभियुक्तों को पुलिस द्वारा मौके से गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से पुलिस को रानीपोखरी थाने में पंजीकृत अभियोगों से सम्बन्धित मोबाईल फोन भी बरामद हुए। अभियुक्तों के साथ उक्त घटनाओ में 02 विधि विवादित किशोर जिनकी आयु क्रमशः 14 वर्ष व 16 वर्ष है, भी सम्मिलित थे, जिन्हें पुलिस संरक्षण में लिया गया, गिरफ्तार अभियुक्तों को समय से मां0 न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। विधि विवादित किशोरों का कोई सगा सम्बन्धी उत्तराखण्ड राज्य में नहीं है, जिस कारण उपरोक्त नाबालिग बच्चों को जिला बाल कल्याण अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर संरक्षण व सुरक्षा हेतु बाल कल्याण समिति के सुपुर्द किया गया।
गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा पूछताछ में बताया कि वे सभी झारखण्ड के रहने वाले हैं तथा झारखण्ड से बिहार, उत्तरप्रदेश होते हुये उत्तराखण्ड आये थे, उत्तराखण्ड में उनके द्वारा अलग-अलग स्थानो रूद्रपुर, काशीपुर, हरिद्वार, डोईवाला, ऋषिकेश, रायवाला, रानीपोखरी आदि जगहों पर रूककर स्थानीय लोगों तथा विक्रम लोडर वालो से आस-पास के क्षेत्र में लगने वाले हाट बाजारों तथा भीड़ भाड वाले क्षेत्रों की जानकारी की जाती है तथा उक्त स्थानो पर मोबाइल चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। अभियुक्तों द्वारा घटनाओं को अंजाम देने के लिये अपने साथ झारखण्ड एवं बिहार से लाए गये छोटे बच्चों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कोई उन पर एकदम से शक न कर सके। अलग-अलग स्थानो पर चोरी की घटनाओं को अंजाम देने के बाद अभियुक्तों द्वारा चोरी के सभी मोबाइलों को अपने पास इकट्ठा कर लिया जाता है तथा 200-250 मोबाइलो के इकट्ठा होने पर वे उन सभी मोबाईल फोनो को नेपाल बार्डर व झारखण्ड के नक्सली एरिया में ले जाकर बेच देते हैं। अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा बेचे गये मोबाइल फोनों का प्रयोग अक्सर साइबर ठगी में लिप्त व्यक्तियों द्वारा किया जाता है। घटना में शामिल नाबालिग बच्चों को अभियुक्तों द्वारा उनके घरों से कपड़ा फैक्ट्री में नौकरी लगने के नाम पर लाया गया था, जिन्हें उनके द्वारा उक्त घटनाओं को अंजाम देने के लिए मजबूर किया जाता था।
पुलिस टीम में उप निरीक्षक संदीप कुमार थानाध्यक्ष रानीपोखरी, उ0नि0 विक्रम सिंह नेगी, अ0उ0नि0 शैलेन्द्र कण्डवाल, अ0उ0नि0 विजेन्द्र सिंह, हे0का0 215 देवेन्द्र नेगी, हे0का0 300 शशिकान्त, का0 1099 दिनेश सिंह, का0 1684 करमजीत, का0 1131 धर्मेन्द्र नेगी, का0 नवनीत सिंह नेगी एस0ओ0जी0 ग्रामीण, का0 मनोज कुमार एस0ओ0जी0 ग्रामीण मौजूद रहे।