हल्द्वानी में निजी अस्पतालों पर सख्ती: प्रशासन ने दी स्पष्ट चेतावनी

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हल्द्वानी: हल्द्वानी नगर में कार्यरत निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम्स, डायग्नोस्टिक सेंटर्स, क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट्स एवं चिकित्सकों के साथ जिला प्रशासन, नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग की एक समन्वयात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य स्वास्थ्य संस्थानों से संबंधित विभिन्न व्यवस्थागत व नियामक मुद्दों पर चर्चा करना और उनके समुचित क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना था।

बैठक में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के अंतर्गत अल्ट्रासाउंड संचालन, फॉर्म-F भरने एवं रिकॉर्ड संधारण की प्रक्रिया, बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन, जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण की समयबद्ध सूचना और ऑनलाइन एंट्री प्रणाली के अनुपालन जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त, आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को समय से लाभ उपलब्ध कराने, अस्पताल परिसरों में पार्किंग की व्यवस्था, फायर सेफ्टी प्रमाणपत्र, अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता, नियमित फायर ऑडिट और मॉक ड्रिल की आवश्यकता पर भी विशेष जोर दिया गया।

प्रशासन द्वारा यह निर्देश दिए गए कि सभी चिकित्सा संस्थान निर्धारित अधिनियमों का विधिपूर्वक पालन करें, अस्पताल भवनों का उपयोग केवल स्वीकृत मानचित्र के अनुसार ही किया जाए और बेसमेंट का गैर-स्वीकृत उपयोग जैसे स्टोर, किचन या वार्ड आदि के रूप में नहीं किया जाए। सभी आवश्यक दस्तावेज अद्यतन रखे जाएं और समय-समय पर नगर निगम एवं प्रशासन को आवश्यक सूचनाएं उपलब्ध कराई जाएं।

साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि भविष्य में निरीक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता, जैसे बेसमेंट का अवैध उपयोग, फॉर्म-F में गड़बड़ी या फायर सेफ्टी नियमों की अनदेखी पाए जाने पर संबंधित अधिनियमों के अंतर्गत सख्त विधिक कार्रवाई की जाएगी।

इस महत्वपूर्ण बैठक में नगर आयुक्त ऋचा सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल चौहान, उप जिला मजिस्ट्रेट राहुल शाह, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्वेता, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, चिकित्सा विभाग के प्रतिनिधि, आईएमए हल्द्वानी के चेयरमैन डॉ. प्रदीप पांडे एवं सचिव सहित प्रमुख निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम्स एवं पैथोलॉजी संचालक मौजूद रहे।


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