देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड में धर्म के नाम पर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ और धोखाधड़ी करने वाले छद्म भेषधारियों के विरुद्ध मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुरू किए गए “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत देहरादून पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस अभियान का उद्देश्य समाज में साधु-संतों के नाम पर भोले-भाले लोगों, विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं को ठगने वाले फर्जी बाबाओं की पहचान कर उन्हें कानून के दायरे में लाना है।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून ने समस्त थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय ऐसे ढोंगी बाबाओं को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में एसएसपी द्वारा स्वयं नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में सड़क किनारे बैठे साधु-संतों के भेष में लोगों से पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान कई व्यक्ति अपने तथाकथित प्रोफेशन के बारे में संतोषजनक जानकारी नहीं दे पाए और न ही वे ज्योतिष शास्त्र अथवा धार्मिक ज्ञान का कोई प्रमाण प्रस्तुत कर सके। इस पर एसएसपी ने मौके पर ही उन्हें हिरासत में लेने और 170 बीएनएसएस के तहत विधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
इस विशेष अभियान के दौरान पुलिस ने देहरादून के विभिन्न थाना क्षेत्रों से कुल 25 फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में 20 से अधिक अन्य राज्यों के निवासी हैं, जबकि एक व्यक्ति बांग्लादेश का नागरिक पाया गया है, जो सहसपुर क्षेत्र में बाबा का भेष धारण कर घूम रहा था। पुलिस ने उसे विदेशी अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर उसके खिलाफ थाना सहसपुर में मामला दर्ज किया है। एलआईयू और आईबी की टीमें उससे गहन पूछताछ कर रही हैं।
गिरफ्तार ढोंगी बाबाओं में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, असम और बांग्लादेश के नागरिक शामिल हैं। सभी के विरुद्ध कानून सम्मत कार्रवाई की जा रही है और पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि इन व्यक्तियों का कोई संगठित गिरोह या बड़ी साजिश से संबंध तो नहीं है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि देवभूमि की पवित्रता से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
