
हल्द्वानी। कुमाऊँ आयुक्त एवं मुख्यमंत्री सचिव दीपक रावत ने शनिवार को हल्द्वानी तहसील का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने तहसील परिसर की व्यवस्थाओं और लंबित राजस्व प्रकरणों की गहन समीक्षा की। आयुक्त ने स्पष्ट कहा कि तहसील और सब-रजिस्ट्रार जैसे दफ्तरों में रोज़ाना जनता का संपर्क होता है, इसलिए पारदर्शिता और अनुशासन सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने तहसील परिसर की सफाई, शौचालय, पार्किंग और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। मुख्य गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, शौचालयों की नियमित सफाई और पार्किंग को सुव्यवस्थित करने के निर्देश दिए। राजस्व प्रकरणों की समीक्षा में सामने आया कि इस वर्ष जनवरी से अब तक कुल 7000 प्रकरण दर्ज हुए, जिनमें से 1044 अभी लंबित हैं। आयुक्त ने निर्देश दिए कि पुराने मामलों को जल्द निपटाया जाए और तीन साल से अधिक पुराने सभी मामलों का निस्तारण अगले तीन माह में कर लिया जाए।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि सुपरवाइजर कानूनगो ने धारा 143 से संबंधित अभिलेख अपने घर पर रखे थे। आयुक्त स्वयं मौके पर पहुंचे और फाइलों की जांच की। इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए उन्होंने संबंधित के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही जिलाधिकारी को सभी फाइलों की जांच कर पुनरावृत्ति रोकने के लिए निर्देशित किया।
आयुक्त ने दाखिल-खारिज और नोटशीट संबंधी प्रक्रियाओं की भी समीक्षा की और पाया कि कई मामलों में नोटशीट पर अद्यतन विवरण दर्ज नहीं था। इस पर उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि आदेशों का पालन सुनिश्चित हो और रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत की जाए।
वसूली मामलों की समीक्षा में जानकारी दी गई कि इस वर्ष अब तक ₹3.45 करोड़ की वसूली हुई है और ₹4.99 करोड़ की वसूली शेष है। आयुक्त ने इसे संतोषजनक बताया और निर्देश दिए कि वसूली मामलों की सूची सार्वजनिक की जाए।
उन्होंने कहा कि हल्द्वानी तहसील में व्यवस्थाओं और प्रक्रिया सुधार की निरंतर निगरानी की जाएगी। सभी अधिकारियों को समयबद्ध निस्तारण, पारदर्शिता और अनुशासन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जनता को बेहतर और भरोसेमंद सेवा उपलब्ध हो सके।
निरीक्षण के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान, तहसीलदार मनीषा बिष्ट सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
